सागर शर्मा, शिवपुरी।। मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना के तहत सहरिया जनजाति को दी गई भैंसों को कुछ दबंगों ने जबरन छीन लिया था और उनका दूध अपने उपयोग में ले रहे थे। इस मामले में प्रशासन की सख्ती के बाद अब पांच लोगों पर एट्रोसिटी एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
यह कार्रवाई कलेक्टर रविंद्र चौधरी के निर्देश पर पोहरी SDM मोतीलाल अहिरवार द्वारा की गई।
उल्लेखनीय है कि शासन की योजना के तहत सहरिया परिवारों को आजीविका के लिए दो-दो दुधारू भैंसें दी गई थीं, लेकिन पोहरी और बैराड़ क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली लोगों ने इन परिवारों से जबरन भैंसें छीन लीं और उनका दूध खुद उपयोग में ले रहे थे।
मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने जांच की और दोषियों के खिलाफ अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 (संशोधित 2015) की धारा 3(1)(Za)(E) और BNS 2023 के तहत मामला दर्ज किया गया।
इनके खिलाफ दर्ज हुई FIR
सुरजीत जाट पुत्र हरपाल जाट, ग्राम बमरा, पोहरी, गजेन्द्र सिंह पुत्र फरेन सिंह यादव, ग्राम देवपुरा, बैराड़, महेन्द्र यादव पुत्र बाबूलाल यादव, ग्राम भिलौड़ी, बैराड़, रहमान पुत्र सुल्तान खां, ग्राम खटका, बैराड़, भरत उर्फ लल्लो परिहार पुत्र सुरेश परिहार, ग्राम खटका, थाना गोपालपुर
प्रशासन ने सभी सहरिया परिवारों को उनकी भैंसें वापस दिला दीं। इस दौरान तहसीलदार पोहरी निशा भारद्वाज, तहसीलदार बैराड़ दृगपाल सिंह बैस, नायब तहसीलदार गोवर्धन अजय परसेडिया, पशु चिकित्सा अधिकारी अतुल राजपूत, डॉ. अर्चना धाकड़ और ग्राम पटवारी रंजीत जाटव सहित राजस्व व पशुपालन विभाग की टीम मौजूद रही।
SDM मोतीलाल अहिरवार ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के हितग्राहियों के शोषण पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। योजनाओं में बाधा डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।