-कुल प्राप्तांक बढ़े, लेकिन प्रदर्शन हुआ खराब, किसी भी अवार्ड के लिए नहीं हुआ नामांकित
सागर शर्मा, शिवपुरी।। देश को स्वच्छ बनाने की दिशा में लगातार किए जा रहे प्रयासों के क्रम में सरकार द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू किए गए हैं, ताकि देश की प्रत्येक नगर निगम, नगर पालिका व नगर परिषद लगातार प्रयास करते हुए अपनी स्थिती में सुधार करे, लेकिन शिवपुरी नगर पालिका साल दस साल स्चछता रैंकिंग में फिसलती जा रही है। भारत सरकार द्वारा गुरूवार को घोषित की गई स्वच्छता रैंकिंग के रिजल्ट बताते हैं कि शिवपुरी की रैंक इस बार देश भर के 824 शहरों में 182वीं रही है। जबकि वर्ष 2023 में शिवपुरी की रैंक 446 शहरों में से 124 भी रही थी। मन को तसल्ली देने के लिए प्रतिशत और प्राप्तांकों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि पहले की अपेक्षा शिवपुरी नगर पालिका ने बेहतर प्रयास किए लेकिन जब बात रैंकिंग की करते हैं तो शिवपुरी का प्रदर्शन पहले की अपेक्षा थोड़ा बहुत नहीं बहुत ज्यादा गिरा है। शिवपुरी नगर पालिका स्वच्छता के मामले में वर्ष 2023 की अपेक्षा 2024 में 58 पायदान नीचे आई है। बात अगर राज्य स्तरीय रैंक की करें तो वर्ष 2023 में शिवपुरी प्रदेश के सबसे गंदे शहरों में दूसरे पायदान पर था। प्रदेश के 32 शहरों में शिवपुरी को 31 वां स्थान प्राप्त हुआ था। वहीं इस बार मप्र की सभी निकायों में से 267वां स्थान प्राप्त हुआ है, जिसे बेहतर प्रदर्शन नहीं कहा जा सकता।
जिम्मेदारों ने साधन और संसाधनों की कमी को ठहराया जिम्मेदार
जब लगातार खराब प्रदर्शन के संबंध में नपा के जिम्मेदारों से बात की गई तो जनप्रतिनिधि हों या फिर अधिकारी कर्मचारी कोई भी स्पष्ट रूप से खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदारी लेता हुआ नजर नहीं आया। हालांकि बताया गया कि शहर में करीब 40 लाख रुपये की डस्टबिन लगाई जानी थीं, लेकिन फंड की कमी की वजह से सिर्फ दो लाख रुपये की डस्टबिन पर खर्च कर सके। इसके अलावा शहर में हर रोज 70 टन कचरा निकलता है, उक्त कचरे को उठाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण भी शहर में से कचरा नहीं उठाया जा पा रहा है। इसके अलावा शहर के सीवेज सिस्टम को भी खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसके अलावा जिम्मेदारों का कहना है कि वर्ष 2021 व वर्ष 2022 में तो स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए पैसा आया था, परंतु वर्ष 2023 व 2024 में इसके लिए शिवपुरी नगर पालिका को कोई पैसा नहीं मिला।
कहीं बेहतर तो कहीं बदतर हालात
-नगर पालिका के अनुसार इस वर्ष शिवपुरी नपा को वाटर बाडीज की सर्फ, डम्प साईट रेमीडिएशन, रहवासी क्षेत्रों की सफाई, कचरा प्रसंस्करण, बाजारक्षेत्रों की सफाई मापदंछों में विगत वर्ष की तुलना में अच्छे अंक मिले हैं।
-इस वर्ष डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण एवं नागरिकों द्वारा श्रोत पर कचरा प्रथ्कीकरण एवं सार्वजनिक शौचालयों की सफाई घटकों में पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम अंक प्राप्त हुए हैं।
कचरा विनिष्टीकरण के लिए 11 करोड़ का प्लांट स्वीकृत
नगर पालिका सीएमओ इशांक धाकड़ के अनुसार अब तक शिवपुरी में कचरा विनिष्टीकरण के लिए कोई उचित वैज्ञानिक व्यवस्था नहीं थी। इस कारण कचरे का प्रथ्कीकरण और उसका विनिष्टी करण उतने वैज्ञानिक तरीके से नहीं हो पा रहा था, जितना होना चाहिए। इस बात उक्त प्लांट के लिए शिवपुरी नगर पालिका को 11 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। ऐसे में इस साल कचरा प्रथ्कीकरण और विनिष्टीकरण की प्रक्रिया में भी सुधार होगा, जिससे प्रदर्शन बेहतर होगा।