जेल परिसर में गंगा-जमुनी तहजीब की ऐसी मिसाल ने त्योहार की खूबसूरती और बढ़ा दी।जेल अधीक्षक रमेश चंद्र आर्य ने बताया कि मुलाकात सुबह 9:30 से दोपहर 2:30 बजे तक तय समय में कराई गई। केवल महिला परिजनों और 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ही जेल में प्रवेश की अनुमति दी गई थी। परिजनों को पहचान पत्र लाना अनिवार्य था और मुलाकात का समय अधिकतम 10 मिनट रखा गया। मुलाकात के दौरान केवल 250 ग्राम तक मिठाई ले जाने की इजाजत दी गई, जबकि पर्स, मोबाइल, नकदी या कोई अन्य प्रतिबंधित सामान अंदर ले जाना मना था।
पूरे कार्यक्रम में बहनें पूजा की थाल और राखी लेकर पहुंचीं, तो भाइयों ने भी भावनाओं से लबरेज होकर उन्हें आशीर्वाद और शुभकामनाएं दीं। दिनभर जेल परिसर में अपनापन, स्नेह और रिश्तों की मिठास घुली रही।