उक्त कृत्य के चलते कलेक्टर ने पटवारी को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में पटवारी का मुख्यालय पोहरी
रहेगा और उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता रहेगी। इस मामले में अगर जांच की जाए तो न सिर्फ चंदन वर्मा बल्कि इससे पूर्व पिछले एक दशक में पदस्थ रहे पटवारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। यहां करोड़ों की जमीन पर कब्जा राजस्व विभाग के पटवारियों सहित अन्य अधिकारियों ने भू-माफियाओं के साथ मिलकर करवाया है।
राजस्व विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण न सिर्फ उद्योग विभाग की बल्कि शासकीय महाविद्यालय के लिए आवंटित, सीएम राइज स्कूल के लिए आवंटित जमीन पर भी माफियाओं ने कब्जा किया हुआ है, जिसमें से काफी जमीन को पिछले दिनों अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलाकर अतिक्रमण मुक्त कराने का प्रयास किया है।