पहली बार दो मंचों पर हुआ आयोजन
इस बार गणेश विसर्जन उत्सव में खास बात यह रही कि पहली बार शहर में दो स्थानों - कस्टम गेट और हंस बिल्डिंग चौराहा - पर भव्य मंच बनाए गए। इन मंचों से होकर झांकियां, डीजे और गणेश प्रतिमाएं गुजरीं। आयोजकों द्वारा इनका सम्मान भी किया गया। दोनों स्थानों पर देर रात तक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और सम्मान समारोह चलते रहे। शाम 8 बजे से शुरू हुआ यह कार्यक्रम सुबह 6 बजे तक चला।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भोपाल से आया नटराज डीजे रहा, जिसकी धुनों पर हजारों युवाओं ने रातभर जमकर डांस किया। दिल्ली से आई महिला डीजे कलाकार ने भी जबरदस्त प्रस्तुति देकर माहौल को और रंगीन बना दिया। वहीं, बड़े ट्रक पर सजे शिवपुरी के महाराज डीजे ने भी लोगों को आकर्षित किया और पूरी रात चर्चा में बना रहा।
शोभायात्रा ने बांधा समां
गणेश प्रतिमाओं की शोभायात्रा शहर की मुख्य सड़कों से गुजरती हुई दोनों मंचों से होते हुए विसर्जन स्थलों तक पहुंची। विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों द्वारा निकाली गई झांकियों ने भी श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया। आयोजकों ने हर झांकी और प्रतिमा का मंच पर स्वागत किया।
जगह-जगह हुए भंडारे
शहर में जगह-जगह भंडारों का आयोजन किया गया, जहां श्रद्धालुओं को प्रसादी वितरित की गई। लोगों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ प्रसादी ग्रहण की और आयोजन में सहभागी बने।
सुबह तक चलता रहा विसर्जन
आधी रात के बाद प्रतिमाओं के विसर्जन का क्रम शुरू हुआ। विसर्जन के लिए अमोला पुल स्थित सिंध नदी, मझेरा तालाब और गणेश कुंड को प्रमुख स्थल के रूप में चुना गया। बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन सिंध नदी में हुआ, जबकि छोटी प्रतिमाएं गणेश कुंड में विसर्जित की गईं।