शिवपुरी जिले के रन्नौद थाना क्षेत्र अंतर्गत माढ़ा गणेशखेड़ा के पास शनिवार दोपहर हुए भीषण सड़क हादसे में जहाँ एक परिवार की खुशियाँ उजड़ गईं, वहीं समाज की संवेदनहीनता भी उजागर हो गई। हादसे में दो मासूम बच्चियों सहित चार लोगों की मौत हो गई, लेकिन सबसे दुखद पहलू यह रहा कि जब मासूम बच्चियाँ सड़क पर तड़प रही थीं, उस समय वहां मौजूद लोग मदद करने की बजाय अपने मोबाइल से वीडियो बनाने में व्यस्त थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए और सवार दूर जा गिरे। बच्चियाँ मौके पर ही दर्द से कराह रही थीं, लेकिन किसी ने भी उन्हें समय रहते अस्पताल पहुंचाने की कोशिश नहीं की। यदि हादसे के तत्काल बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाया जाता, तो शायद चार में से कुछ जानें बचाई जा सकती थीं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हादसे के कुछ ही मिनटों बाद दर्जनों लोग मौके पर इकट्ठा हो गए थे, लेकिन मदद की भावना कहीं गायब थी। कोई वीडियो बना रहा था, कोई फोटो खींच रहा था – मानवता दम तोड़ती रही।
रन्नौद थाना प्रभारी अरविंद चौहान ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और टक्कर मारकर भागे कार चालक की तलाश की जा रही है।
वहीं इस हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम संवेदना खो चुके हैं? क्या हमारे हाथों में मोबाइल ने हमारी मानवता छीन ली है?