दर्जनभर से ज्यादा शिक्षकों को दो महीने से मिल रहा था वेतन
जानकारी के अनुसार, एक दर्जन से अधिक शिक्षक पिछले दो महीनों से गलत स्थान से वेतन प्राप्त कर रहे थे। इस प्रक्रिया को नियमों के विरुद्ध बताया गया है और इसमें बड़े स्तर पर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।
बड़ी गड़बड़ी की संभावना
स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर इस मामले की गहन जांच की जाए, तो यह अप्रैल 2025 में सामने आए डेढ़ करोड़ रुपए के वेतन घोटाले की तरह एक बड़ा मामला बन सकता है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, वेतन भुगतान के दौरान बीईओ प्रहलाद गंधर्व और वर्तमान बीईओ सुशील खस द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
पूर्व बीईओ पर उठे सवाल, वर्तमान बीईओ ने दी सफाई
वर्तमान बीईओ सुशील खस ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि पूर्व बीईओ विवेक महेंद्र ने प्रतिनियुक्त शिक्षकों को पोर्टल से नहीं हटाया था, जिस कारण यह समस्या उत्पन्न हुई। उन्होंने बताया कि उनके कार्यभार ग्रहण करने के समय कार्यालय में कोई ऑपरेटर नहीं था, जिससे बिल तैयार करने में कठिनाई हुई।
बीईओ खस ने बताया कि उन्होंने बीआरसीसी को पत्र भेज दिया है और जिन शिक्षकों को अतिरिक्त वेतन मिला है, उनसे वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
डीईओ ने दिए जांच के आदेश
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आ गया है और इसकी जांच के लिए टीम गठित की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच के बाद जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।