नरोत्तम ने कहा कि धरती पर कुछ चीजें अमृत के समान हैं, लेकिन कुछ जीव ऐसे भी हैं, जो इन अमृत समान चीजों को हजम नहीं कर पाते हैं। आयुर्वेद में मधुमक्खी के शहद को अमृत बताया है, लेकिन कुत्ता यदि उसे चाट ले तो मर जाता है।
इसी तरह देशी गाय का घी अमृत समान है, लेकिन मक्खी उसे चाट ले तो मर जाती है। नीम को प्राकृतिक हकीम माना गया है, कौआ नीम पर बैठता तो है, लेकिन निबोली को खा ले तो मर जाता है। मिश्री भी अमृत समान है, लेकिन गधा खा ले तो मर जाता है। ये चारों चीजें अमृत हैं, लेकिन कुत्ते, मक्खी, गधे और कौवे को हजम नहीं होती हैं। इसी तरह सनातन अमृत है, लेकिन ऐसे (संतोष वर्मा) अधिकारियों को यह अमृत हजम नहीं होता।
इसी तरह किसी भी सनातन विरोधी को यह अमृत हजम नहीं होता है। नरोत्तम शुक्रवार को शिवपुरी में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा के मंच पर पहुंचे थे।
केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को पत्र लिखकर की शिकायत
सांसद जनार्दन ने उठाई वर्मा के आईएएस अवॉर्ड की जांच की मांग
ब्राह्मण बेटियों पर अशोभनीय बयान देकर विवादों में आए प्रमोटी आईएएस संतोष वर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय से संतोष वर्मा के आईएएस अवॉर्ड की फिर से जांच कराने की मांग उठाई है।
इस संबंध में सांसद मिश्रा ने केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह को पत्र लिखकर वर्मा द्वारा मप्र में जातिगत विद्वेष फैलाने की शिकायत की है। इसके साथ ही वर्ष 2021 में एक महिला के साथ मारपीट और अश्लील शब्दों के प्रयोग के मामले में लंबित केस के अदालत का फर्जी आदेश पेश करने के मामले में फिर से जांच की मांग उठाई है।