शिवपुरी जिले में पुलिसकर्मियों द्वारा एक युवक के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में यातायात थाने के बाहर पुलिसकर्मियों द्वारा युवक को बुरी तरह पीटा जा रहा है, और वीडियो में यातायात थाना प्रभारी रणवीर सिंह यादव भी मौजूद दिखाई दे रहे हैं। युवक को सड़क से थाने तक खींचकर लाया जाता है, जबकि एक अन्य वीडियो में युवक घुटनों के बल बैठकर थाना प्रभारी से अपने निर्दोष होने की बात कह रहा है। हालांकि, यातायात थाना प्रभारी का आरोप है कि युवक ने पुलिसकर्मियों को गालियाँ दी थीं, जबकि युवक अपनी सफाई में गालियाँ न देने की बात कहता दिखाई दे रहा है।
क्या है पूरा मामला?
वीडियो की जांच में यह पता चला कि यह घटना 12 दिसंबर की है। उस दिन परमाल रावत नामक युवक को यातायात थाने के बाहर रोका गया था। युवक के खिलाफ यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण चालान किया जाना था, लेकिन युवक ने चालान न कटवाने की बात कहते हुए पुलिसकर्मियों से गाली-गलौच की और यह धमकी दी कि वह बाइक में आग लगा देगा। इसके बाद युवक ने पुलिसकर्मी सूवेदार अरुण जादौन को धक्का भी दिया। इस पर सूवेदार अरुण जादौन ने युवक के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने और अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया।
युवक का दावा
इस मामले में युवक परमाल रावत ने फोन पर बातचीत करते हुए बताया कि 12 दिसंबर को वह बाइक से न्यायालय जा रहा था। उस समय पुलिसकर्मियों ने उसे रोका और जब उसके पास चालान भरने के लिए पैसे नहीं थे, तो उसने वकील से मिलने के लिए बाइक को छोड़ दिया। युवक ने कहा कि उसने कभी पुलिसकर्मियों को गाली नहीं दी, बल्कि "बाइक रख लो और आग लगा दो" जैसी बात कही थी, जो बाद में विवाद का कारण बनी। युवक का कहना है कि इसके बाद पुलिसकर्मी उसे थाने के भीतर ले गए और वहां भी उसकी पिटाई की। युवक का कहना है कि उसने बार-बार माफी मांगी, लेकिन उसकी कोई नहीं सुनी। फिर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मामला दर्ज कर दिया।
यातायात थाना प्रभारी का बयान
यातायात थाना प्रभारी रणवीर सिंह यादव का कहना है कि वायरल वीडियो अधूरा है। वीडियो के पहले के हिस्से में युवक ने पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की और गाली-गलौच की थी। उनका आरोप है कि युवक आपराधिक प्रवृत्ति का है और उसके खिलाफ कोतवाली में मामला दर्ज है। उन्होंने यह भी कहा कि थाने में युवक के साथ कोई मारपीट नहीं की गई है।
प्रतिक्रिया और स्थिति
इस घटना के बाद से स्थानीय समुदाय में पुलिस की कार्रवाई को लेकर गुस्सा है, और सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर चर्चा जारी है।