सागर शर्मा, शिवपुरी।। जिले की करैरा तहसील की रहने वाली एक युवती की शादी झांसी जिले के रक्सा थाना क्षेत्र के बसाई गांव निवासी युवक से सिर्फ 18 घंटे चली। जब दूल्हे को यह पता चला कि दुल्हन की जाति यादव है, तो उसने साथ रखने से साफ इनकार कर दिया। दोनों ने मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह किया था, लेकिन शादी टूटने की वजह केवल जातिगत पहचान बन गई। बाद में दोनों परिवार थाने पहुंचे और आपसी सहमति से रिश्ता खत्म कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, झांसी जिले के बसाई गांव में रहने वाला धर्मेंद्र राजपूत (28) खेती करता है। उसके पिता शगुन राजपूत ने बताया कि बेटे की शादी नहीं हो पा रही थी। गांव के एक परिचित युवक ने बताया कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के करैरा में लोधी समाज की एक लड़की है, जिसका भाई उसकी शादी करना चाहता है। बातचीत के बाद युवक लड़की के भाई को अपने साथ लेकर आया और शादी के बदले 50 हजार रुपए की मांग की। बेटे की शादी के लिए मजबूर होकर उन्होंने 20 हजार रुपए एडवांस में दे दिए।
मंदिर में कराई शादी, बाद में हुआ जाति का खुलासा
लड़की का भाई खुद को लोधी समाज का बता रहा था। जब आधार कार्ड मांगा गया, तो उसने बहाना बनाया कि वह खो गया है। इसके बाद 27 जून को युवती को झांसी जिले के बड़ी माता मंदिर, बसाई लाया गया। यहां युवक धर्मेंद्र और युवती ने एक-दूसरे को जयमाला पहनाई और फिर सात फेरे लेकर विवाह किया।
शराब के नशे में भाई ने बताया– ‘हम यादव हैं’
दूल्हे के पिता के मुताबिक, शादी के तुरंत बाद युवती का भाई 50 हजार रुपए की मांग करने लगा, जिससे विवाद हुआ। इसी बीच उसने शराब पी और नशे में स्वीकार कर लिया कि वे लोग लोधी नहीं, यादव हैं। जब विरोध हुआ तो युवती का भाई मौके से भाग गया।
दुल्हन को लेकर धर्मेंद्र अपने घर गया, लेकिन वहां युवती ने खाना-पीना छोड़ दिया। फिर 28 जून को वह उसे लेकर थाने पहुंचे। वहां लड़की के भाई को भी बुलाया गया और दोनों पक्षों की आपसी सहमति से रिश्ता समाप्त कर दिया गया।
थाना प्रभारी बोले– मामला आपसी सहमति से निपटा
रक्सा थाने के प्रभारी राहुल राठौर ने बताया कि दोनों पक्ष शादी तोड़ने की बात को लेकर थाने आए थे, लेकिन उन्हें कोर्ट के जरिए कार्रवाई करने की सलाह दी गई। किसी पक्ष ने लिखित शिकायत नहीं दी है।