शिवपुरी के कनाखेड़ी गांव सहित आसपास के कई गांवों में किसानों को एपीके खाद की बोरियों में रेत मिलने का मामला सामने आया है। किसानों का आरोप है कि उन्हें लुधावली स्थित सरकारी खाद गोदाम से जो एपीके खाद मिली, उसमें 10 से 15 प्रतिशत तक रेत मिली हुई है। किसानों ने इसकी शिकायत कृषि विभाग के अधिकारियों से भी की, लेकिन अब तक कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई है।
कनाखेड़ी गांव के किसान सोनेराम वर्मा ने बताया कि उन्होंने शनिवार को लुधावली खाद गोदाम से 30 बोरी एपीके खाद खरीदी थी। उन्होंने चेक करने के लिए एक बोरी की खाद को पानी में घोलकर देखा, तो उसमें से रेत निकल आई। बाद में तीन और बोरियों को चेक किया गया, उनमें भी यही स्थिति थी।
खाद को पानी में घोलकर देखा तो सामने आई मिलावट सोनेराम ने बताया कि उन्होंने ये जानकारी जब अपने पड़ोसी किसान केदारीलाल वर्मा को दी, तो केदारीलाल ने भी अपनी खाद की जांच की और उसमें से भी रेत निकल आई। इसके बाद गांव के अन्य किसान विनोद धाकड़, नरेश वर्मा आदि ने भी अपनी खाद को पानी में घोलकर देखा और उनमें भी मिलावट सामने आई।
सोनेराम वर्मा ने बताया कि इस मामले की शिकायत कृषि विभाग के एसडीओ सुगर सिंह जाटव से की गई, लेकिन अब तक न तो खाद की जांच हुई और न ही कोई कार्रवाई।
एसडीओ सुगर सिंह जाटव से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि मामला पोहरी अनुविभाग का है और जांच की जिम्मेदारी पोहरी के एसडीओ आर.पी. पचौरी को दी गई है। साथ ही उन्होंने लुधावली गोदाम से खाद के सैंपल लेकर जांच कराने की बात कही।
ग्रामीणों का कहना है कि जब सरकारी गोदामों से ही मिलावटी खाद मिलेगी, तो किसान किस पर भरोसा करें। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो खरीफ की फसलें प्रभावित होंगी और किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।