शिवपुरी के माधव टाइगर रिजर्व की लापता बाघिन एमटी-1 के शिकार को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) ने अंतर्राज्यीय शिकारी गिरोह के सदस्य सौजीराम मोंगिया को शिवपुरी के पटेल चौक पडोरा से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने न्यायालय में पेशी के दौरान कबूल किया कि उसने बाघिन को जहर देकर मारा था।
समधी दौजी भील ने ही लिया नाम -
इस खुलासे की शुरुआत तब हुई जब STF द्वारा पहले गिरफ्तार आरोपी दौजी भील ने पूछताछ में सौजीराम मोंगिया का नाम लिया। जांच में पता चला कि दौजी और सौजीराम आपस में समधी हैं। दौजी की निशानदेही के बाद STF ने सौजीराम को ट्रेस कर गिरफ्तार किया।
बेटा बोला - पिता फसाया गया है
सौजीराम के बेटे जय सिंह मोंगिया ने कहा कि, "मेरे पिता को बेवजह फंसाया गया है। उन्हें दौजी भील ने जानबूझकर झूठे केस में घसीटा है।" उसके पिता पर झूठा केस लगाया गया है। उसके पिता की गिरफ्तारी नहीं हुई जब उन्हें वारंट मिला तो उन्हें कोलारस वन विभाग के समक्ष पेश किया गया था।
जय सिंह ने यह भी स्वीकार किया कि सौजीराम और उनका परिवार भीमपुर की वन भूमि पर कब्जा करके रह रहे थे, जो उन्हें वन विभाग द्वारा दिलाया गया था। उन्होंने बताया कि वन विभाग के अधिकारी अक्सर उनके घर आते-जाते रहते थे। यह बयान वन विभाग और आरोपी के बीच संभावित संबंधों की ओर इशारा करता है।
विधायक देवेंद्र जैन ने उठाया मुद्दा -
शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन ने विधानसभा में कहा कि उन्हें पुख्ता सूचना मिली है कि अटल सागर (मड़ीखेड़ा) क्षेत्र में एक टाइगर का शिकार हो चुका है, लेकिन वन विभाग सच्चाई छिपा रहा है। उन्होंने मांग की है कि सरकार इस मामले में स्पष्ट जानकारी और दस्तावेज सार्वजनिक करे।
CCF बोले – STF कार्रवाई की जानकारी नहीं -
माधव टाइगर रिजर्व के सीसीएफ उत्तम शर्मा ने STF की कार्रवाई पर अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि विभाग की टीम अभी बाघिन एमटी-1 की तलाश में जुटी है।
पहले से गिरफ्तार आरोपियों के नाम -
4 जून को STF की संयुक्त कार्रवाई में 225 वन्यजीव अंग (हड्डियां) के साथ छह आरोपी पकड़े गए थे। इनमें दौजी भील, राजा भील, सुनीता बाई, बनीराम भील, नरेश भील, राजू भील के नाम सामिल हैं।
इनमें राजा भील की अग्रिम जमानत याचिका 26 जुलाई को खारिज हो चुकी है। सभी आरोपी इस समय केंद्रीय जेल शिवपुरी में न्यायिक अभिरक्षा में हैं।
माधव टाइगर रिजर्व में थे 7 टाइगर -
माधव टाइगर रिजर्व में सात टाइगरों की मौजूदगी दर्ज की गई थी, जिनमें बाघिन एमटी-1 भी शामिल थी। उसकी लंबे समय से गुमशुदगी के बाद अब आरोपी की कबूलनामा इस ओर साफ इशारा करता है कि उसका शिकार हो चुका है। हालांकि, एमटी-1 का शिकार हुआ यह बात माधव टाइगर रिजर्व का प्रबंधन स्वीकार करने को राजी नहीं है।