ग्रामीणों ने बताया कि गांव के 113 उपभोक्ताओं का बिजली कलेक्शन चालू है, इसके बावजूद अब तक किसी को भी वैध बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाया है। मजबूरी में ग्रामीण पास से गुजर रही पंप फीडर लाइन से कृषि उपयोग वाली बिजली लेकर अपने घरों में रोशनी करने को मजबूर हैं।
बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित
उन्होंने बताया कि इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई, महिलाओं के घरेलू कामकाज और ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ रहा है। सरकार द्वारा हर घर को बिजली देने की योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन पहाड़ा खुर्द गांव आज भी उन योजनाओं से अछूता है। कई बार लिखित में आवेदन देने और मौखिक शिकायतें करने के बावजूद अब तक आबादी लाइन का विस्तार नहीं हो सका है।
गांव के युवा मोंटू राठौर ने बताया -
" हमारे गांव के लोग पिछले 12 सालों से अंधेरे में जिंदगी काट रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। सरकार ने हर घर को बिजली देने का वादा किया था, लेकिन आज भी हमारे गांव के लोग उस मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। यदि जल्द ही आबादी लाइन नहीं डाली गई तो हमें बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा।
कलेक्टर को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की है कि गांव में जल्द से जल्द आबादी लाइन डाली जाए और नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि गांव के लोगों को अंधेरे से राहत मिल सके।