ओमप्रकाश जैन वर्तमान में शिवपुरी नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 5 से पार्षद भी हैं और वर्षों से संगठन से जुड़े रहे हैं। इधर उनका इस्तीफा आने के बाद जिलाध्यक्ष ने कहा पार्टी छोड़ना आसान है। पद छोड़ें तो असल निष्ठा दिखेगी।
जैन बोले- नपा के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया ओमप्रकाश जैन उर्फ ओमी का कहना है कि वह नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार और अध्यक्ष की कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवाल उठा रहे थे, लेकिन पार्टी के ही कुछ नेताओं ने इस मुद्दे पर उनका साथ देने के बजाय उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
उनकी संपत्ति की जांच से लेकर निजी व्यवसाय तक में अड़चनें खड़ी की गईं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पार्टी में रहकर काम करना अब संभव नहीं है।
मैं और मेरा परिवार पिछले 60 वर्षों से भाजपा और संघ के लिए तन, मन, धन से समर्पित भाव से सेवा कर रहे हैं। इसके बावजूद पार्टी के ही कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी और राजनेता उन्हें एवं उनके परिवार को लगातार आंतरिक रूप से प्रताड़ित और उपेक्षित कर रहे हैं।
ओमप्रकाश जैन, ओमी भाजपा से इस्तीफा दे चुके
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बाल्यकाल स्वयंसेवक
ओमी ने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि उनका परिवार पिछले 60 वर्षों से आरएसएस और भाजपा से जुड़ा रहा है। उनके पिता कौशलचंद जैन बाल्यकाल से संघ से जुड़े थे और आपातकाल के दौरान 19 माह तक भूमिगत रहे। खुद ओमी भी बचपन से ही संघ विचारधारा से जुड़े रहे हैं।
वर्ष 1992 में वह भाजयुमो शिवपुरी के मंडल अध्यक्ष, 1994 में युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष, 2009 से 2015 तक नगर मंडल अध्यक्ष और वर्तमान में जिला उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। इसके साथ ही वह जिला थोक उपभोक्ता सहकारी भंडार के अध्यक्ष और वार्ड 5 से पार्षद भी हैं।
नपा में भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने पर कर रहे टारगेट ओमी ने बताया कि जैसे ही उन्होंने नगर पालिका में भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोला, पार्टी के ही कुछ वरिष्ठ नेता व जनप्रतिनिधि उन्हें टारगेट करने लगे। अधिकारियों के माध्यम से उनके कारोबार, संपत्ति और व्यक्तिगत गतिविधियों की गुपचुप जांचें करवाई गईं। यह सब मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का एक सुनियोजित प्रयास था।
सूत्रों बताते हैं कि ओमी जैन भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के गुट से माने जाते हैं, जबकि वर्तमान में जिले में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों का प्रभाव ज्यादा है। पार्टी में अंदरूनी खींचतान के कारण कई कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित और प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं।
ओमी जैन ने अपना इस्तीफा भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव को भी भेजा है। हालांकि, पार्टी स्तर पर अब तक उनके इस्तीफे को औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है।
भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव ने ओमी जैन के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ओमी की पहचान उनकी खुद की नहीं, बल्कि भाजपा के कारण है। यदि वह वास्तव में आहत हैं और त्याग करना चाहते हैं, तो सिर्फ पार्टी से नहीं बल्कि पार्षद पद से भी इस्तीफा देना चाहिए था। पार्टी छोड़ना आसान है, पर असली निष्ठा वही है जो हर पद से त्याग करें।