एनएसयूआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश के कई स्कूलों की हालत बेहद जर्जर है। ये किसी भी समय हादसे का कारण बन सकते हैं। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते स्कूल भवनों की मरम्मत नहीं हुई तो गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।
स्कूलों में छत से पानी टपकता मिला
एनएसयूआई ने शिवपुरी शहर के कई स्कूलों का निरीक्षण किया। इनमें माधव चौक, सदर बाजार, सईसपुरा, मादकपुरा, पीएसक्यू लाइन, डांडा शंकरपुर, लुधावली, नीलगर चौराहा और विष्णु मंदिर के शासकीय विद्यालय शामिल हैं। इसके अलावा पिछोर विधानसभा के रठनपुरा और टीला कला प्राथमिक स्कूलों का भी जायजा लिया गया।
निरीक्षण में पाया गया कि सभी स्कूलों में छत से पानी टपक रहा है। दीवारें गीली और कमजोर हो चुकी हैं। कई जगह विद्युत करंट का खतरा बना हुआ है। कुछ स्कूलों में शौचालयों में पानी नहीं है, तो कहीं परिसर कीचड़ से भरा है।
सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति भी चिंताजनक
पीएसक्यू लाइन स्कूल से 12 पंखे, फर्नीचर, वायरिंग और बर्तन चोरी हो चुके हैं। यह विद्यालय नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है। लेकिन पुलिस और प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। मदकपुरा स्कूल में न पीने का पानी है, न शौचालयों में पानी है। पूरा स्कूल परिसर कीचड़ से पटा है।
सदर बाजार स्कूल की पुरानी जर्जर बिल्डिंग अब तक ध्वस्त नहीं की गई है। इसके पास ही छात्राओं का शौचालय है। इसी परिसर में महिला बाल विकास का दफ्तर भी चल रहा है। इससे बाहरी लोगों की आवाजाही बनी रहती है। एनएसयूआई का कहना है कि यह कन्या विद्यालय है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष शांतनु सिंह कुशवाह ने कहा कि सरकार बच्चों के भविष्य और जान से खिलवाड़ कर रही है। जिस प्रकार राजस्थान के झालावाड़ में एक स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हुई, वैसा हादसा मध्यप्रदेश में भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि संगठन छात्रों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए संघर्ष करता रहेगा। यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे।