हालांकि, करैरा विधानसभा के सीहोर थाना क्षेत्र के ग्राम पुला के ग्रामीण अभी तक प्रशासनिक उपेक्षा झेल रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि 29 जुलाई को सिंध नदी का पानी उनके घरों और खेतों में घुस गया।
इससे उनके मकानों का घरेलू सामान, ट्रैक्टर और बाइक पूरी तरह खराब हो गए। पानी उतरने के बाद देखा गया कि सैकड़ों बीघा में खड़ी धान की फसल भी बर्बाद हो चुकी है।
ग्रामीण बोले- कोई हाल जानने तक नहीं आया गांव के अतर सिंह, जयेंद्र सिंह रावत और छोटू बघेल ने बताया कि अब तक न कोई पटवारी आया, न तहसीलदार और न ही कोई जनप्रतिनिधि हाल जानने पहुंचा। छोटू बघेल ने कहा कि अगर तीन दिन के भीतर नुकसान का सर्वे शुरू नहीं किया गया, तो गांव के लोग मजबूरन चक्काजाम करेंगे।
ग्रामीणों ने प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में भारी नुकसान के बावजूद कोई राहत नहीं मिली है। उनका कहना है कि समय रहते सर्वे न होने से उनका आर्थिक संकट और गहरा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। वे कोलारस विधानसभा क्षेत्र के कुछ गांवों में पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया।
इस दौरान पिपरौदा गांव के ग्रामीण मुख्यमंत्री को नुकसान की जानकारी देने अनंतपुर गांव तक पहुंचे। लेकिन जब सीएम का काफिला नहीं रुका, तो लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए नारेबाजी की। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।