गुना के देवा पारदी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले में फरार चल रहे TI संजीत मावई ने सरेंडर कर दिया। रविवार शाम को वह शिवपुरी जिले के बदरवास थाने पहुंचे और सरेंडर कर दिया। सूत्रों की मानें तो शिवपुरी पुलिस ने CBI और गुना पुलिस को इसकी सूचना दे दी हैं।
बता दें कि 15 जुलाई 2024 को बीलाखेड़ी के रहने वाले देवा पारदी (25) की शादी गुना शहर के गोकुल सिंह चक्क पर होने वाली थी। 14 जुलाई की शाम को उसकी बारात गुना के लिए निकलनी थी। 4.30 बजे पुलिस गांव में पहुंची। जिस ट्रैक्टर पर बारात जाना थी, उसी से देवा और उसके चाचा गंगाराम को पुलिस ले गई। पुलिस को एक चोरी के मामले में उससे कुछ बरामदगी करनी थी। इसलिए पुलिस उसे लेकर गई।
14 जुलाई की शाम परिवार वालों को जिला अस्पताल से सूचना मिली कि एक पारदी युवक को पोस्टमॉर्टम रूम में लाया गया है। अस्पताल पहुंचकर पता चला कि पुलिस कस्टडी में देवा की मौत हो गई है। इसके बाद बड़ी संख्या में पारदी समुदाय की महिलाएं जिला अस्पताल पहुंच गई थीं। देवा की चाची और उसकी होने वाली दुल्हन ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगाने की भी कोशिश की थी। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें बचाया था।
महिलाओं का आरोप था कि म्याना थाने में देवा पारदी और उसके चाचा के साथ मारपीट की गई, जिससे उसकी मौत हुई। इसके दो दिन बाद 17 जुलाई को पारदी महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में भी प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने कपड़े तक उतार दिए थे। इस मामले में म्याना थाने में 7-8 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज की गई थी। उन पर गैर इरादों हत्या, मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में देवा की मां अंसुरा बाई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
मजिस्ट्रियल जांच के बाद पुलिसकर्मियों पर FIR इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच हुई। शिवपुरी मेडिकल कॉलेज से मृतक की हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट, FSL ग्वालियर से विसरा रिपोर्ट मंगाई गई। मजिस्ट्रियल जांच में यह कहा गया कि देवा पारदी की मौत पुलिस कस्टडी के दौरान मारपीट और प्रताड़ना के कारण संदिग्ध और असामान्य परिस्थितियों में मौत हुई। मजिस्ट्रियल जांच के बाद पुलिसकर्मियों पर FIR की गई थी।
म्याना थाने में 5 सितंबर को मामला दर्ज हुआ। हालांकि, इसमें पुलिसकर्मियों के नाम नहीं थे। आरोपियों के नाम की जगह तीन फूल TI और अन्य 7-8 पुलिसकर्मी लिखा हुआ था। 4 सितंबर को म्याना थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी TI संजीत माबई, SI देवराज सिंह परिहार और उमरी चौकी प्रभारी SI उत्तम सिंह कुशवाह को लाइन अटैच किया गया था। तब से इस मामले की विवेचना गुना पुलिस ही कर रही थी।
विवेचना के बाद इस मामले में म्याना थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी TI संजीत मावई, उमरी चौकी के प्रभारी SI उत्तम सिंह को आरोपी बनाया गया था। इनका नाम शामिल होते ही दोनों पुलिसकर्मी फरार हो गए थे। तभी से वह फरार चल रहे थे। CBI अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई थी।कोर्ट ने एक महीने में आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे
देवा पारदी की मां हंसुरा बाई ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक महीने में आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश CBI को दिए। हालांकि, उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इसके बाद हंसुरा बाई ने अवमानना याचिका दायर की। इस पर 24, 25 और 26 सितंबर को सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और CBI को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा था कि ये ऐसे नहीं चल सकता। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आप कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। फिर क्या फायदा? आप लाचारी का बहाना बना रहे हैं! 'वह फरार है, मुनादी हो चुकी है, हम उसका पता नहीं लगा सकते।' कृपया लाचारी का बहाना न बनाएँ। हम तो बस यही कहेंगे कि आपकी लाचारी सुरक्षा की आड़ में लग रही है। ऐसा कोई आदेश नहीं था जिसके तहत केवल सीबीआई ही गिरफ्तार कर सके। अगर आपकी सरकार का कोई अधिकारी इसमें शामिल है, तो आप इससे पल्ला नहीं झाड़ सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 26 सितंबर को सुनवाई के बाद 8 अक्टूबर तक का समय दिया। इसके अगले दिन ही मामले में फरार SI उत्तम सिंह की गिरफ्तारी हो गई थी। TI संजीत मावई फरार चल रहे थे। सूत्रों की मानें तो रविवार शाम TI संजीत मावई ने सरेंडर कर दिया। वह शिवपुरी जिले के बदरवास थाने पहुंचे और सरेंडर कर दिया। इसके बाद शिवपुरी पुलिस ने CBI और गुना पुलिस को सूचना दी। CBI की टीम देर रात तक बदरवास पहुंचकर उन्हें हिरासत में ले सकती है।