सबसे बड़ा रावण दहन गांधी पार्क में मानव वेलफेयर सोसायटी द्वारा किया गया। यहां 90 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन रात 8 बजे हुआ। राम-रावण युद्ध के मंचन के बाद, राम की भूमिका निभा रहे कलाकार ने तीर चलाकर पुतले को अग्नि के हवाले किया। यह इस आयोजन का चौथा वर्ष था।
तीनों जगह भव्य आतिशबाजी
सिद्धेश्वर मैदान में पंजाबी परिषद ने 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया। कार्यक्रम की शुरुआत हनुमान चालीसा पाठ से हुई, जिसके बाद चल समारोह नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए मैदान पहुंचा। ढोल की थाप और झांकियों के बीच राम-रावण युद्ध का मंचन किया गया। मुख्य अतिथि ने कलाकारों को तीर प्रदान कर रावण दहन संपन्न कराया। परिषद पिछले 73 वर्षों से इस परंपरा का निर्वहन कर रही है।
इसके अतिरिक्त, काली माता मंदिर मैदान में नृसिंग समिति द्वारा 40 फीट ऊंचे रावण का दहन रात 9 बजे किया गया। यहां भी राम-रावण युद्ध का मंचन हुआ, जिसके उपरांत रावण के पुतले को जलाया गया। तीनों स्थलों पर भव्य आतिशबाजी और 'जय श्रीराम' के नारों के साथ लोगों ने दशहरा पर्व की खुशियों का अनुभव किया।