इस पथ संचलन में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। स्वयंसेवकों ने ध्वज के साथ अनुशासन, समरसता और राष्ट्रप्रेम का प्रदर्शन किया। ढोल-नगाड़ों की गूंज और स्वयंसेवकों की पारंपरिक वेशभूषा ने कार्यक्रम के माहौल को जीवंत बना दिया।
ग्रामीणों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। कई स्थानों पर जेसीबी मशीन से भी पुष्पवर्षा की गई। इस दौरान 'भारत माता की जय' और देशभक्ति के नारों से वातावरण गूंज उठा।
कार्यक्रम के समापन पर शिवपुरी जिला प्रचारक ने बौद्धिक सत्र को संबोधित किया। उन्होंने विजयादशमी को असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म और अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक बताया। जिला प्रचारक ने कहा कि छोटे-छोटे प्रयासों से एकत्रित शक्ति से बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है। इस आयोजन में शिवपुरी जिले के पदाधिकारी और लुकवासा के स्वयंसेवक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।