शिकायतकर्ताओं ने चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया था। एसडीएम की जांच में पाया गया कि 2009-11 में जब यह नियुक्ति हुई, तब न तो केंद्र स्वीकृत था और न ही कोई विज्ञप्ति जारी की गई थी।
कलेक्टर शिवपुरी को गगन सिंह पवार और गुलाब सिंह राजावत द्वारा शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इन आवेदनों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नीतू जादौन की चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।
जांच में खुलासाः न विज्ञप्ति निकली, न केंद्र था स्वीकृत कलेक्टर के निर्देश के बाद एसडीएम पोहरी ने मामले की जांच की। जांच में पता चला कि वर्ष 2009, 2010 और 2011 में अमरपुरा आंगनवाड़ी केंद्र के लिए कोई विज्ञप्ति जारी नहीं हुई थी। साथ ही, उन वर्षों में यह केंद्र स्वीकृत भी नहीं था।
नहीं मिले चयन प्रक्रिया के दस्तावेज
जांच के दौरान एसडीएम ने जब चयन प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज मांगे, तो वे भी उपलब्ध नहीं कराए गए। इन गंभीर अनियमितताओं के आधार पर एसडीएम पोहरी ने नीतू जादौन को पद से हटाने की अनुशंसा की।
परियोजना अधिकारी ने जारी किया आदेश
एसडीएम की अनुशंसा और वल्लभ भवन भोपाल से जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर, एकीकृत बाल विकास परियोजना पोहरी के परियोजना अधिकारी ने नीतू जादौन को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद से हटाने का आदेश जारी किया। इस आदेश की प्रतियां कलेक्टर, जिला कार्यक्रम अधिकारी, एसडीएम, सेक्टर पर्यवेक्षक, संबंधित कार्यकर्ता और शिकायतकर्ताओं को भेज दी गई हैं।