सागर शर्मा शिवपुरी:सतना में वन विभाग ने परसमनिया वन क्षेत्र में अवैध रूप से सलई गोंद निकालने और उसकी तस्करी का पर्दाफाश किया है। मुखबिर की सूचना पर की गई कार्रवाई में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक मुख्य आरोपी अभी भी फरार है। वन अमले ने मौके से 58 किलोग्राम गीला सलई गोंद जब्त किया है। विभाग ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 7 दिन की रिमांड मांगी है।
उचेहरा रेंजर सचिन नामदेव को मिली गुप्त सूचना के आधार पर, उनकी टीम ने ग्राम पिपरा में छापेमारी की। इस दौरान दो मजदूर अस्थाई झोपड़ियों में रहते मिले। इनकी झोपड़ियों के बाहर बोरियों में बड़ी मात्रा में सलई गोंद बरामद हुआ। वन अमले ने मौके से 58 किलोग्राम गीला सलई गोंद जब्त किया।
शिवपुरी से बुलाए थे मजदूर
पूछताछ में मजदूरों शिवलहरी (40) और सत्यवीर (38) ने बताया कि वे शिवपुरी जिले के निवासी हैं। उन्हें नन्हें यादव उर्फ मुनेन्द्र यादव (महाराजपुर) और विकास यादव (परसमनिया) ने सलई गोंद इकट्ठा करने के लिए मजदूरी पर रखा था। मजदूरों के अनुसार, उन्हें यह कार्य वैध बताया गया था।
एक मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दूसरा फरार
वन विभाग ने शिवलहरी और सत्यवीर को गोंद सहित वन परिक्षेत्र कार्यालय लाया और मुख्य आरोपियों को तलब किया। विकास यादव मौके पर पहुंच गया, जबकि नन्हें यादव फरार हो गया। उसके घर और गांव में भी तलाशी ली गई, लेकिन वह नहीं मिला।
पूछताछ में कबूला जुर्म
पूछताछ में विकास यादव ने स्वीकार किया कि वह और नन्हें यादव शिवपुरी से मजदूर लाकर परसमनिया के जंगलों में सलई गोंद निकलवाते थे और उसे बेचकर लाभ कमाते थे। आरोपियों के पास कोई अनुमति या पंजीयन नहीं पाया गया।
पेड़ों को पहुंचा रहे थे गंभीर नुकसान
वन विभाग ने आरोपियों को न्यायालय में पेश करते हुए अपना पक्ष रखा। विभाग ने बताया कि सलई वृक्षों को छीलकर गोंद निकालने से पेड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचता है और जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह कार्रवाई भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 2, 33 (क), 55, 77 तथा जैव विविधता अधिनियम 2002 की धारा 2, 3, 55 के उल्लंघन में की गई है।
मुख्य आरोपी के फरार होने के कारण विभाग ने अदालत से 7 दिन के रिमांड (21 से 27 नवम्बर 2025) की मांग की है, ताकि मामले की विवेचना पूरी कर चालान प्रस्तुत किया जा सके।