4 साल बाद सामान्य से दोगुनी बारिश....सांप की तरह लहराती इंदार नदी 40 किमी बहकर सिंध में समाई

Nikk Pandit
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सागर शर्मा शिवपुरी:कोलारस तहसील में इंदार नदी सांप की तरह लहराती हुई सिंध नदी में मिल जाती है। ऊंचाई से देखने पर प्रकृति की यह कलाकारी हर किसी का ध्यान खींच लेती है। इंदार नदी का जिस जगह सिंध में सगागम हुआ है, उसी संगम तट की वजह से गांव का नाम भी संगेश्वर पड़ा है।

बता दें कि शिवपुरी जिले में पिछले 13 सालों में इस बार रिकार्ड 1490.99 मिमी बारिश दर्ज हुई है जो सामान्य औसत की 184.65% है। यानी लगभग दोगुनी बारिश हुई। इससे पहले साल 2021 में 1452.90 मिमी बारिश हुई थी। बीते सालों में इंदार नदी बारिश के बाद ही सूख जाती थी। लेकिन इस बार इस सहायक नदी में भी भरपूर पानी चल रहा है। नदी का उद्गम इंदार गांव के तालाब से हुआ है और 40 किमी दूर सिंध नदी में मिलती है।

नदियों के संगम स्थल पर संगेश्वर महादेव मंदिर

पूर्व सरपंच गोविंद दांगी का कहना है कि दो नदियों के संगम पर महादेव का प्राचीन शिव मंदिर एवं एक प्राचीन गुफा है। यह गुफा सालों से शिव भक्तों की आस्था का केंद्र बनी हुई है। गुफा से रात के समय कभी-कभी मधुर संगीत जैसी आवाजें भी ग्रामीण सुनाई देने की बात कहते हैं।

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