सागर शर्मा शिवपुरी:खबर शिवपुरी नगर पालिका में भ्रष्टाचार के बढ़ते आरोपों के खिलाफ मंगलवार से पार्षदों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। टीम बगीचा सरकार के पार्षदों ने नपा अध्यक्ष गायत्री शर्मा को पद से हटाने की मांग की है। आंदोलन की शुरुआत सुंदरकांड पाठ के साथ की गई।
यह पहली बार नहीं है जब पार्षदों ने इस मुद्दे पर विरोध जताया है। चार महीने पहले भी लगभग 18 पार्षदों ने करैरा के बगीचा सरकार हनुमान मंदिर में भ्रष्टाचार के खिलाफ सामूहिक शपथ ली थी और अध्यक्ष को हटाने का संकल्प लिया था। तब उन्होंने कलेक्टर को सामूहिक इस्तीफा भी सौंपा था, लेकिन इस्तीफे स्वीकार नहीं हुए थे।
इसके बाद कई पार्षदों ने अपने वार्डों में सड़क, गिट्टी, मोरम और कट्टल जैसे विकास कार्यों में कथित घोटालों का खुलासा किया था। इन मामलों की जांच भी हुई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से पार्षदों में नाराजगी और बढ़ गई है।
वार्ड क्रमांक 20 के भाजपा पार्षद विजय शर्मा ने आरोप लगाया कि पिछले तीन साल से उनके वार्ड में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका में लगातार घोटाले हो रहे हैं, जिन पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। शर्मा के अनुसार, नपा अध्यक्ष न तो किसी की बात सुनती हैं और न ही प्रशासन का उन पर कोई नियंत्रण है।
पार्षद शर्मा ने यह भी बताया कि भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी कारण उन्होंने यह धरना शुरू किया है। भाजपा से नपा उपाध्यक्ष के पति रामजी व्यास ने भी नगर पालिका में बढ़ते भ्रष्टाचार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार इतना अधिक हो गया है कि पार्षदों की आवाज को भी दबाया जा रहा है। व्यास ने बताया कि उन्होंने भ्रष्टाचार और विकास कार्यों से संबंधित मुद्दों को भाजपा जिलाध्यक्ष जसवंत जाटव और विधायक देवेंद्र जैन के समक्ष भी उठाया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
व्यास ने शहर की बदहाल स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खराब सड़कों के कारण 30-40 दुर्घटना संभावित बिंदु बन गए हैं, जहां रोजाना 7-8 लोग फिसलकर गिर जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि साफ-सफाई, सड़कें और स्ट्रीट लाइट जैसी सभी मूलभूत व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। इसके बावजूद, आउटसोर्स एजेंसियों के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
पार्षदों का कहना है कि जब तक नगर पालिका में किए जा रहे कथित भ्रष्टाचार पर ठोस कार्रवाई नहीं होती और शहर की जर्जर व्यवस्थाओं में सुधार का रोडमैप तय नहीं किया जाता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।