बैठक का मुख्य उद्देश्य शिवपुरी को एक सुव्यवस्थित, आकर्षक और आधुनिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है। इसके साथ ही शहर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित रखने पर जोर दिया गया।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने विकास में जनभागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिवपुरी का विकास केवल सरकारी योजनाओं से नहीं, बल्कि जनभागीदारी और स्थानीय नेतृत्व की सक्रिय भूमिका से ही संभव है। सिंधिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों के सुझावों को योजनाओं में प्राथमिकता दी जाए, ताकि विकास का लाभ सभी नागरिकों तक पहुंच सके।
बैठक में शिवपुरी शहर के प्रमुख चौराहों, पार्कों और पर्यटन स्थलों को नया स्वरूप देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें मुख्य चौराहों का सौंदर्याकरण, सिग्नेचर लैंडमार्क का निर्माण और दो बाती चौराहा पार्क, गणेश गौरी कुंड पार्क, बजा घर पार्क तथा सिद्धेश्वर टेकरी ग्राउंड का हरित एवं आधुनिक रूपांतरण शामिल है। सावरकर पार्क और अंबेडकर पार्क जैसे पुराने उद्यानों के नवीनीकरण की योजना भी बनाई गई।
शहर की थीम रोड के सौंदर्गीकरण, जल निकायों के पुनर्जीवन और यातायात प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए। इसके अतिरिक्त, मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर बाईपास और गुना बाईपास रोड जैसे प्रमुख स्थानों पर ऑटो स्टैंडों के पुनर्गठन तथा शहर के प्रवेश द्वारों के चौड़ीकरण को भी मंजूरी मिली।
बैठक में पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौर ने शहर में सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना प्रस्तुत की। इस प्रस्ताव में शहर के मुख्य बाजार, बस स्टैंड, धार्मिक स्थलों और प्रमुख चौराहों पर कैमरों के माध्यम से निगरानी व्यवस्था को मजबूत करना शामिल है। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने इस योजना का समर्थन करते हुए आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया।
सिंधिया ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी विकास कार्य उच्च गुणवत्ता मानकों के साथ निर्धारित समय सीमा में पूरे किए जाएँ। उन्होंने कहा कि “शिवपुरी का गौरवशाली अतीत इसकी पहचान है, और हमारा प्रयास है कि इसे स्वच्छ, सुरक्षित और सुसज्जित पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किया जाए।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में शिवपुरी न केवल आधुनिक और पर्यटन मुखी शहर के रूप में उभरेगा, बल्कि यहां संस्कृति, प्रकृति और इतिहास का सुंदर संगम भी बना रहेगा।