शिवपुरी जिले के खनियाधाना तहसील के ग्राम चमरौआ में तालाब का गेट बंद किए जाने से ग्रामीणों पर भारी संकट आ गया है। गेट बंद होने से तालाब का पानी गांव की सैकड़ों बीघा कृषि भूमि में फैल गया है, जिससे खेत जलमग्न हो गए हैं और घरों तक पानी पहुंच गया है। इससे हजारों ग्रामीणों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि यह तालाब ग्राम चमरौआ में सर्वे नंबर 2171 में स्थित है, जिसके आसपास की अधिकांश भूमि ग्रामवासियों के निजी खातों में दर्ज है। यहां लोग कार्तिक और चैत्र के सीजन में खेती कर अपने परिवारों का भरण-पोषण करते हैं। लेकिन 20 जून 2025 को गांव के ही कुछ लोगों – सुरेश पुत्र इमरत लोधी, आजाद पुत्र हरि लोधी, राजीव पुत्र लोकपाल लोधी, विपिन पुत्र कलक सिंह लोधी, अरविंद्र लोधी पुत्र हेमराज लोधी, महेंद्र पाल पुत्र पर्वत सिंह और मंगल पुत्र हनुमंत लोधी द्वारा तालाब के गेट को ठेकेदार से मिलकर सीमेंट, गिट्टी डालकर बंद कर दिया गया।
गेट बंद करने से 500 बीघा से ज्यादा जमीन पानी में डूब गई है, जिससे ग्रामीणों को लाखों रुपए की फसल का नुकसान हुआ है और आगे भूखमरी की स्थिति बन सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी जमीन पानी से खाली नहीं होती, तब तक वे मजबूरी में सरकारी जमीन पर कब्जा करने को मजबूर होंगे।
ग्रामीणों ने जनसुनवाई में कलेक्टर से मांग की है कि तत्काल पुलिस बल भेजकर तालाब का गेट खुलवाया जाए और गेट बंद करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा।