पार्षद बोले- नपाध्यक्ष ने किडनैपिंग की कोशिश कीः शिवपुरी में कलेक्टर से मिलने पहुंचे 18 मेंबर्स; नेता प्रतिपक्ष ने खरीद फरोख्त के आरोप लगाए

Nikk Pandit
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सागर शर्मा शिवपुरी:खबर शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। सोमवार को कलेक्ट्रेट में अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई के लिए बुलाए गए 22 पार्षदों में से 18 ने अपने दस्तावेजों के साथ उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि चार पार्षद अनुपस्थित रहे।
उपस्थित पार्षदों में नगर पालिका उपाध्यक्ष सरोज रामजी व्यास भी शामिल रहीं, हालांकि उन्होंने अपने दस्तावेज और हस्ताक्षर जमा नहीं कराए। इस पर जब सवाल पूछा गया तो उनके पति रामजी व्यास ने कहा कि
 ""मैं अब महाराज (केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया) के आदेश के पक्ष में हूं। हर किसी को फैसला लेने का स्वतंत्रता का अधिकार है। हमारी लड़ाई नपा अध्यक्ष को हटाने की है, यह संगठन और पार्टी के विरोध की लड़ाई नहीं है।""
हालांकि अविश्वास प्रस्ताव पर सीधे सवाल पूछे जाने पर उन्होंने चुप्पी साध ली।
आरोप- पार्षदों के साथ छलावा, किडनैपिंग तक की कोशिश

पार्षद राजू गुर्जर ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि "पार्टी को 31 पार्षदों ने हस्ताक्षर करके एक सूची दी थी। लेकिन उन गुप्त पार्षदों के नाम भी सामने आ गए, जिससे हमारे साथ छलावा हुआ और उन पार्षदों पर दबाव बनाया गया। नपा अध्यक्ष गायत्री शर्मा ने पार्षदों को किडनैप तक करने की कोशिश की है।
नेता प्रतिपक्ष बोले- कई पार्षद बिके, खरीद-फरोख्त का आरोप
नपा की नेता प्रतिपक्ष शशि शर्मा कहा कि

" जिन पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन पर हस्ताक्षर किए थे। आज कलेक्ट्रेट नहीं पहुंचे, वे सभी पैसे में बिक गए हैं।""

उन्होंने विकास और जनता का भला न देखते हुए बिकना उचित समझा है। शशि शर्मा ने नपा अध्यक्ष गायत्री शर्मा पर खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए और कहा कि जनता सब जानती है, समय आने पर इसका जवाब भी देगी। अनुपस्थित रहने वालों में मीना मुकेश बाथम का स्वास्थ्य खराब बताया गया, भाजपा पार्षद वेदांश सविता और मक्खन आदिवासी शामिल रहे।
अध्यक्ष के खिलाफ पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर फ्लोर टेस्ट की तैयारी कर ली है।

अब होगा फ्लोर टेस्ट

कलेक्ट्रेट में दस्तावेजों की जांच और पार्षदों की पहचान के बाद अब अगला चरण फ्लोर टेस्ट का होगा। फ्लोर टेस्ट में सभी पार्षदों को विशेष बैठक में बुलाया जाएगा और उनसे पूछा जाएगा कि वे अध्यक्ष पर विश्वास रखते हैं या नहीं।

मतदान की प्रक्रिया खुलकर हाथ उठाकर या गुप्त मतदान राज्य सरकार की नियमावली के अनुसार कराई जाती है। यदि कुल निर्वाचित पार्षदों के दो-तिहाई बहुमत अध्यक्ष के खिलाफ मतदान करते हैं तो अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाएगा और अध्यक्ष पद से हटा दी जाएंगी। वहीं यदि बहुमत नहीं मिला तो अध्यक्ष अपने पद पर बनी रहेंगी।

इससे पहले 13 जून को पार्षद बगीचा सरकार हनुमान मंदिर पहुंचकर अध्यक्ष को हटाने का संकल्प ले चुके हैं। वहीं 11 अगस्त को कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन दिया था। अब जबकि 22 में से 18 पार्षदों ने कलेक्ट्रेट में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है, ऐसे में बहुमत साफ झलक रहा है।

यही कारण है कि अब सबकी निगाहें फ्लोर टेस्ट की तारीख पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि अध्यक्ष गायत्री शर्मा की कुर्सी बचती है या चली जाती है।
अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले 22 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले 22 पार्षदों में शामिल हैं। इनमें सरोज रामजी व्यास, सुनीता गोयल, सपना धाकड़, सुषमा लोधी, रचना भार्गव, विनीता खेमरिया, विनीता बाथम, सीमा शर्मा, मीना मुकेश बाथम, बृजेश बाथम, अशोक लोधी, सुनील लोधी, संजीव अग्रवाल, प्रमोद लोधी, संतोष लोधी, लोकेश लोधी, महेश शर्मा, राजेश खेमरिया, अंकित धाकड़, नीरज शर्मा, प्रदीप धाकड़ और मक्खन आदिवासी।
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