18 शांतिधाम बने, सब बदहाल
साल 2018 में पोहरी को नगर परिषद घोषित किया गया था। कोरोना काल में यहां प्रशासन ने प्रशासक बनकर कार्य किया। 2022 में चुनाव के बाद 15 पार्षद, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बने। नगर परिषद बनाने के लिए 22 राजस्व गांवों को इसमें जोड़ा गया था। इनमें पहले पंचायत स्तर पर 18 शांति धाम थे।
बनने के बाद फिर कभी नहीं हुई मरम्मत
वार्ड क्रमांक 14 के पार्षद मुकेश धाकड़ का कहना है कि नगर परिषद में जुड़ने से पहले पंचायतों द्वारा बनाए गए शांति धाम अब जर्जर हो चुके हैं। न टीन शेड बचे हैं और न ही फाउंडेशन की हालत ठीक है।
नगर परिषद बनने के बाद से किसी भी शांति धाम की मरम्मत नहीं कराई गई है। पार्षद ने बताया कि कई जगहों पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्था लोगों को खुद करनी पड़ती है। इसकी लागत 3 हजार रुपए तक पहुंच जाती है।
एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
इस समस्या को लेकर पार्षद मुकेश धाकड़ ने पोहरी एसडीएम मोतीलाल अहिरवार को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने मांग की है कि सभी शांति धामों की मरम्मत कराई जाए। साथ ही लकड़ी की व्यवस्था एक निश्चित शुल्क पर उपलब्ध कराई जाए। ताकि अंतिम यात्रा गरिमा के साथ पूरी हो सके।