शिवपुरी समेत 9 जेलों में नियमों के साथ परिजनों को मिलने की अनुमति, जानें पूरी डिटेल:जेल में भी बंधेगा राखी का बंधनः

Nikk Pandit
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   रक्षाबंधन पर जेल में मिलने के लिए जारी हुए नियम

शिवपुरी जिले की जेलों में इस रक्षाबंधन पर बंद कैदियों को अपने परिवार से मिलने का मौका मिलेगा। 9 अगस्त को शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुर, पोहरी, कोलारस, पिछोर, करैरा और चांचौड़ा जेलों में यह व्यवस्था लागू रहेगी।

महिला परिजन और 6 साल से छोटे बच्चे ही मिल सकेंगे

इस दिन सिर्फ महिला परिजन और 6 साल से छोटे बच्चे ही जेल में कैदी से मिल सकेंगे। पुरुषों को मिलने की अनुमति नहीं होगी। हर मुलाकात सिर्फ 10 मिनट की होगी और मिलने का समय सुबह 9:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक तय किया गया है।

कैदियों से मिलने के लिए ये डॉक्यूमेंट अनिवार्य

मुलाकात करने आने वालों को पहचान के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड या पैन कार्ड में से कोई एक दस्तावेज लाना जरूरी है। मोबाइल, पर्स, पैसे या कीमती चीजें जेल के अंदर ले जाना मना है, और अगर कोई सामान खो गया तो जेल प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा।

मिठाई ले जाने के लिए भी नियम

परिजन 250 ग्राम तक मिठाई जैसे गजक या सोन पापड़ी ले जा सकते हैं, लेकिन पका हुआ खाना ले जाने की इजाजत नहीं है। पूजा का थाल जेल प्रशासन देगा जिसमें हल्दी, कुमकुम और चावल होगा, लेकिन राखी परिजन को खुद लानी होगी।

दिन में एक बार ही होगी मुलाकात

मुलाकात करने आने वालों को पहचान के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड या पैन कार्ड में से कोई एक दस्तावेज लाना जरूरी है। मोबाइल, पर्स, पैसे या कीमती चीजें जेल के अंदर ले जाना मना है, और अगर कोई सामान खो गया तो जेल प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा।

मिठाई ले जाने के लिए भी नियम

परिजन 250 ग्राम तक मिठाई जैसे गजक या सोन पापड़ी ले जा सकते हैं, लेकिन पका हुआ खाना ले जाने की इजाजत नहीं है। पूजा का थाल जेल प्रशासन देगा जिसमें हल्दी, कुमकुम और चावल होगा, लेकिन राखी परिजन को खुद लानी होगी।

दिन में एक बार ही होगी मुलाकात

कोई भी कैदी एक दिन में सिर्फ एक बार ही किसी से मिल सकेगा। कैदी को पैसे देना सख्त मना है, ऐसा करने पर मिलने पर हमेशा के लिए रोक लग सकती है और कैदी के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। जेल प्रशासन ने सभी परिजनों से नियमों का पालन करने और शांति बनाए रखने की अपील की है ताकि यह पर्व अच्छे और सुरक्षित तरीके से मनाया जा सके।


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