नदी में इस समय 4 फीट पानी है। ग्रामीणों ने शव को कंधे पर उठाकर नदी पार की। इसके बाद ही अंतिम संस्कार हो सका। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में श्मशान के लिए कोई जगह तय नहीं है। आसपास की जमीन निजी है। इसी वजह से फुलीपुरा और खरई जालिम के बीच पार्वती नदी किनारे ही वर्षों से अंत्येष्टि की जा रही है।
गांवों में हालात बेहाल...
रहटगांव (हरदा) | मन्नासा गांव में बुधवार को सड़क न होने से गर्भवती आदिवासी महिला ममता बाई (22) को झोली में कंधे पर टांगकर पांच किलोमीटर ऊबड़-खाबड़ रास्ते से निकाला। आंबा गांव पहुंचने के बाद महिला को बाइक से 10 किलोमीटर दूर रहटगांव लाया गया। यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला ने बच्ची को जन्म दिया।