शिक्षिका पर कई आरोप सामने आए हैं। वह नियमित रूप से समय पर स्कूल नहीं पहुंचती थीं। शिक्षण कार्य में रुचि नहीं लेती थीं। किचन शेड की सरकारी राशि का दुरुपयोग करने का आरोप भी उन पर लगा है। साथ ही संस्था प्रधान के आदेशों की अवहेलना करती थीं।
जिला परियोजना समन्वयक दफेदार सिंह सिकरवार ने स्कूल का निरीक्षण किया। निरीक्षण में शिक्षिका की अनियमितता की पुष्टि हुई। डीपीसी ने 8 सितंबर को कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के अनुमोदन के बाद निलंबन की कार्रवाई अमल में लाई गई।
निलंबन अवधि में शिक्षिका का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कोलारस निर्धारित किया गया है। शिक्षिका के विरुद्ध मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी अनेक शिकायतें दर्ज हैं। स्थानीय अधिकारियों के निरीक्षण में भी उनकी लापरवाही प्रमाणित हुई थी।