जानकारी के मुताबिक, पारा गांव में तेजाजी महाराज का प्राचीन मंदिर है। मान्यता है कि जहरीले सर्प के काटने पर यहां बंद लगाए जाते हैं, साथ ही मन्नत भी मांगी जाती है। मन्नत पूरी होने पर मन्नत मांगने वाले को गांव में घुसने के साथ ही मंदिर तक दंडवत करते हुए जाने की परंपरा है, जिसे ग्रामीण वर्षों से निभाते आ रहे हैं।
लेकिन इस दौरान पंचायत की ओर से मंदिर तक पहुंच मार्ग को सुगम बनाने का प्रयास नहीं किया गया। मन्नत पूरी होने पर दूरदराज से पारा गांव पहुंचे श्रद्धालुओं को बहते गंदे पानी और कीचड़ से सने रास्ते से पेड़ भरते हुए मंदिर तक पहुंचना मजबूरी बन गया है।
आस्था बनी मजबूरी
ग्रामीणों का कहना है कि अगर मन्नत पूरी होने पर ऐसा नहीं किया तो उसके दुष्परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं। इसी वजह से आस्था उनकी मजबूरी बन जाती है और उन्हें कीचड़ व गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
महालोनी पंचायत सचिव पातीराम यादव ने बताया कि गर्मियों में नल-जल योजना वालों ने पूरी सड़क खोद दी थी, जिसे अब तक सही नहीं कराया गया है। पहले रास्ता ठीक था, लेकिन कई बार कहने के बावजूद ठेकेदार ने इसे दुरुस्त नहीं किया। इसी कारण ग्रामीणों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है।