इलाज में देरी का आरोप, पत्नी ने दिया आवेदन
जानकारी के अनुसार, रन्नौद तहसील के ठाटी गांव निवासी राजू जाटव (38) को शनिवार सुबह करीब साढ़े 8 बजे जिला अस्पताल लाया गया था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल पहुंचने के बावजूद डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने समय पर उपचार नहीं किया, जिससे करीब 9:45 बजे राजू की मौत हो गई।
पत्नी सुमन जाटव ने कलेक्टर के नाम दिए आवेदन में बताया कि उनके पति को अस्पताल लाने के बाद लगभग डेढ़ घंटे तक कोई इलाज नहीं किया गया और जब स्थिति बिगड़ गई, तब उसे मेडिकल कॉलेज रेफर करने की बात कही गई, जबकि उस समय तक उसकी सांसें थम चकी थीं।
दलित होने के कारण अनदेखी का आरोप
आवेदन में सुमन जाटव ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पति को दलित और गरीब वर्ग से होने के कारण गंभीरता से नहीं लिया गया। उन्होंने मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषी डॉक्टर व स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो।
पुलिस-प्रशासन की समझाइश के बाद खुला जाम
राजू की मौत के बाद परिजन शव को अस्पताल गेट के बाहर रखकर सड़क पर बैठ गए, जिससे जाम की स्थिति बन गई। सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी कृपाल सिंह राठौड़ और तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा मौके पर पहुंचे और परिजनों से बातचीत कर उन्हें शांत कराया। तहसीलदार ने मृतक की पत्नी से लिखित आवेदन लेकर जांच की बात कही है।
रेड क्रॉस से मिली तत्काल सहायता राशि
प्रशासन की ओर से मृतक परिवार को रेड क्रॉस सोसाइटी से तत्काल सहायता राशि भी प्रदान की गई। इसके बाद परिजन शव को एम्बुलेंस से गांव ले गए।
डॉक्टर बोले- रेफर के लिए तैयार नहीं थे परिजन
वहीं, ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर का कहना है कि मरीज की स्थिति को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था, लेकिन परिजन रेफर के लिए तैयार नहीं हुए। डॉक्टरों ने दावा किया कि मौत हार्ट अटैक से हुई है।