व्यापारी वर्ग का कहना है कि गिर्राज गोयल पर हमला सुनियोजित था और उनकी सोने की चैन छीनी गई, लेकिन पुलिस ने मामूली धाराओं में केस दर्ज किया। इसी को लेकर शनिवार सुबह से व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए और थाने पहुंचकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
इधर, दोपहर करीब 12 बजे यादव समाज के सैकड़ों लोग भी एकजुट होकर थाने पहुंचे। उनका कहना था कि घटना से पहले दुर्घटना को लेकर यादव समाज के युवकों के साथ विवाद और मारपीट हुई थी, जिसके बाद यह झगड़ा बढ़ा। समाज के लोगों ने मांग की कि शिकायतकर्ता पक्ष पर भी एफआईआर दर्ज की जाए। साथ ही आरोप लगाया कि व्यापारी वर्ग द्वारा समाज की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
करीब दोपहर 2 बजे तक दोनों पक्ष आमने-सामने थाने पर डटे रहे। स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। इस बीच एसडीओपी संजय मिश्रा ने दोनों पक्षों से बातचीत कर समझाइश दी। वहीं, शिवपुरी एसपी अमन सिंह राठौड़ ने भी व्यापारियों से फोन पर चर्चा कर निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। एसपी के भरोसे के बाद व्यापारी धीरे-धीरे हटने को राजी हुए।
हालांकि यादव समाज के लोग अपनी मांगों पर डटे रहे और शाम 6 बजे तक थाने पर जमे रहे। बाद में एसडीओपी ने समाज के प्रतिनिधियों से बात कर उन्हें भी समझाया और जांच का भरोसा दिलाया। इसके बाद यादव समाज भी थाने से हट गया।
इस तरह शनिवार का पूरा दिन बदरवास थाने पर गहमागहमी में बीता। जहां व्यापारी वर्ग और यादव समाज अपनी-अपनी मांगों को लेकर आमने-सामने रहे, वहीं पुलिस प्रशासन पर निष्पक्ष कार्रवाई करने का दबाव बना रहा। फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतें दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।