ठग ने न केवल फर्जी दस्तावेज और आईडी भेजे, बल्कि आर्मी वर्दी में व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर भरोसा भी जीत लिया। इतना ही नहीं, पीड़ित के परिजनों को जयपुर एयरपोर्ट बुलवाकर डिलीवरी का बहाना बनाकर अलग-अलग बहानों से रकम ऐंठी गई।
इंस्टाग्राम पर गाड़ी का झांसा, CISF की फर्जी पहचान
पीड़ित अफजल सिद्दीकी ने बताया कि 10 सितंबर को वह अपनी बहन की इंस्टाग्राम आईडी 'चांदनी' चला रहे थे। उसी दौरान उन्हें 'नवीन राठौर' नाम के एक युवक की पोस्ट दिखाई दी, जिसमें मारुति ओमनी (MP13BA3521) गाड़ी बिक्री के लिए बताई गई थी।
संपर्क करने पर नवीन ने खुद को CISF जवान बताया और जयपुर एयरपोर्ट पर पदस्थ होने की बात कही।
उसने आधार कार्ड, फौजी आईडी और अन्य दस्तावेज व्हाट्सएप पर भेजे, जिन्हें देखकर अफजल को भरोसा हो गया। इसके बाद गाड़ी की डील 55 हजार रुपए में तय की गई।
जयपुर एयरपोर्ट पर बुलाया, किश्तों में ऐंठे पैसे
13 सितंबर को अफजल के जीजा इंसाफुद्दीन और उनके पिता इकरामुद्दीन गाड़ी लेने जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे। वहां नवीन ने फोन पर गेट पास, बीमा, फास्टेग और कागजातों के नाम पर बार-बार अलग-अलग भुगतान करने को कहा।
अफजल ने बताया कि उसने 'अंकिता' और 'सुनीता कैफे' नाम से रजिस्टर्ड फोन पे खातों में कुल 73,499 रुपए ट्रांसफर किए। लेकिन तय समय पर न तो गाड़ी सौंपी गई और न ही युवक एयरपोर्ट पर पहुंचा।
फोन बंद, ठगी का हुआ अहसास
कई बार कॉल करने के बाद भी आरोपी टालमटोल करता रहा। अंत में उसने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया, तब जाकर परिजनों को ठगी का अहसास हुआ। अफजल ने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक को की है और चैट्स, वीडियो कॉल के स्क्रीनशॉट और भुगतान की रसीदें भी सबूत के तौर पर सौंप दी हैं।
साइबर सेल से कार्रवाई की मांग
पीड़ित ने मांग की है कि साइबर सेल इस मामले की गंभीरता से जांच करे और आरोपी को जल्द पकड़ा जाए। पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है