सागर शर्मा शिवपुरी:खबर शिवपुरी जिले के पिछोर थाना क्षेत्र के बहुचर्चित कछौआ हत्याकांड में न्यायालय ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार अग्रवाल ने हत्या और बलवे के 13 आरोपियों को आजीवन कारावास, सश्रम कारावास और जुर्माने से दंडित किया।
यह घटना 2 अक्टूबर 2022 की रात की है। फरियादी पुष्पेन्द्र रजक ने पिछोर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके पिता अच्छेलाल रजक रामलीला देखने गए थे। रात करीब 11 बजे सरपंच अजय लोधी ने उनके भाई देवेंद्र को फोन कर बताया कि गांव के कुछ लोग अच्छेलाल रजक को शंकर जी के मंदिर से जबरन पकड़कर ले गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, सरपंच अजय लोधी का आरोपी अनूप पाल और भाईसाहब लोधी से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। अच्छेलाल रजक ने इस विवाद में सरपंच का समर्थन किया था। इसी रंजिश के चलते आरोपियों ने अच्छेलाल रजक की गोली मारकर, कुल्हाड़ी और लाठियों से हमला कर हत्या कर दी।
हत्या के बाद आरोपियों ने शव को सड़क पर फेंक दिया था। पिछोर थाने ने रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया। जांच के दौरान घटनास्थल का नक्शा तैयार किया गया और फरियादी व गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
पुलिस ने 5 अक्टूबर 2022 को आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की। पूछताछ में आरोपियों की निशानदेही पर फरसा, कट्टा और बांस की लाठियां जब्त की गईं। सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया।
अनुसंधान पूरा होने पर, पुलिस ने प्रकरण क्रमांक 959/22 में धारा 147, 148, 149, 302, 307 भादवि और 25-27 आर्म्स एक्ट के तहत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया। प्रकरण की पैरवी एजीपी अमित वर्मा द्वारा की गई।
जिन 13 आरोपियों को सजा सुनाई गई है, उनमें श्रीराम पाल, इन्दर पाल, जीतू पाल, बृजेश पाल, कुंवरराज पाल, जगदीश पाल, अनूप पाल, जनवेस पाल, कदम पाल, सेवक पाल, सुनील लोधी, कल्ला लोधी और भाईसाहब लोधी शामिल हैं। न्यायालय ने इन सभी को आजीवन कारावास, सश्रम कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है।