सागर शर्मा शिवपुरी: खबर शिवपुरी जिले के ग्रामीण अंचल में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली सामने आई है। शिवपुरी जनपद की ग्राम पंचायत सूंड के शिवनगर गांव में स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय पर अक्सर ताला लगा रहता है। इससे बच्चों के भविष्य को लेकर ग्रामीणों में चिंता है।
स्कूल के नियमित रूप से बंद रहने के कारण ग्रामीणों ने मजबूरी में दूसरे गांव से एक निजी शिक्षक की व्यवस्था की है। इसके लिए प्रत्येक बच्चे को 300 रुपए प्रतिमाह देने पड़ रहे हैं। गांव की अधिकांश आबादी आदिवासी समाज से है, जिससे यह आर्थिक बोझ उन पर और भी भारी पड़ रहा है।
50 आदिवासी बच्चे पढ़ते हैं
ग्रामीण जगदीश आदिवासी के अनुसार, शिवनगर के प्राथमिक विद्यालय में लगभग 50 आदिवासी बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल में एक शिक्षक और एक महिला शिक्षिका पदस्थ हैं, लेकिन दोनों लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल आखिरी बार दीपावली से पहले खोला गया था। उसके बाद से शिक्षकों ने विद्यालय का रुख नहीं किया।
शनिदेव आदिवासी ने बताया कि शिक्षकों की गैरहाजिरी के कारण बच्चे अपनी कक्षाओं से पूरी तरह वंचित हो गए हैं। वहीं, ट्यूशन पढ़ रही छात्रा रामदेवी आदिवासी और छात्र आला आदिवासी शिक्षकों के नाम तक नहीं बता सके, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
अफसर बोले- मैं निरीक्षण करूंगा
इस मामले पर जिला परियोजना समन्वयक दफेदार सिंह सिकरवार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि वह शासकीय कार्य से भोपाल में हैं और शिवपुरी पहुंचते ही स्वयं विद्यालय का निरीक्षण करेंगे। सिकरवार ने आश्वासन दिया है कि जांच के बाद संबंधित शिक्षकों पर नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।