दरअसल नगर में लगभग हर खंभे पर स्ट्रीट लाइट लगी हुई है। लेकिन इन लाइटों को बंद और चालू करने का कोई व्यवस्थित सिस्टम (ऑन-ऑफ सिस्टम) नहीं है। नतीजतन, कई लाइटें दिनभर जलती रहती हैं, जिससे न केवल बिजली का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि नगर परिषद के पास अतिरिक्त बिजली बिल भी पहुंच रहा है।
दूसरी तरफ, छोटा बाजार और वार्ड क्रमांक 6 की बाथम वाली गली जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं या खराब हैं, जिससे लोगों को रात्रि के समय आवागमन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और सुरक्षा का खतरा भी बना रहता है। खराब स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत और दिन में जलने वाली लाइटों को बंद करने की जिम्मेदारी नगर परिषद के कर्मचारियों की है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सीएमओ पियूष श्रीवास्तव का कहना है कि जहां भी स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं, उन्हें जल्द ही चालू कराया जाएगा। साथ ही, व्यवस्थित ऑन-ऑफ सिस्टम लगाकर कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित की जाएगी ताकि बिजली की बर्बादी को रोका जा सके।