पार्षदों का धरना दूसरे दिन भी जारी,शिवपुरी नपा में भ्रष्टाचार के आरोपःकार्रवाई की मांग तेज

Nikk Pandit
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सागर शर्मा शिवपुरी:खबर शिवपुरी नगर पालिका में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पार्षदों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा को पद से हटाने और भ्रष्टाचार के मामलों में दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर नगर पालिका परिसर में पार्षदों का धरना बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। करीब 18 पार्षदों का यह अनिश्चितकालीन धरना लगातार प्रशासन और शासन के खिलाफ दबाव बना रहा है।

मंगलवार को टीम बगीचा सरकार से जुड़े पार्षदों ने सुंदरकांड पाठ के साथ आंदोलन की शुरुआत की थी। पार्षदों का कहना है कि जब तक नगर पालिका में हुए कथित भ्रष्टाचार पर ठोस कार्रवाई नहीं होगी और नपा अध्यक्ष को पद से नहीं हटाया जाएगा, तब तक धरना जारी रहेगा।

पार्षदों का यह विरोध चार महीने पहले लिए गए उस संकल्प का विस्तार है, जब करीब 18 पार्षदों ने करैरा के बगीचा सरकार हनुमान मंदिर में सामूहिक शपथ लेते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की बात कही थी। बाद में इन पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफे भी कलेक्टर को सौंपे थे, लेकिन उन्हें स्वीकार नहीं किया गया।

इसके बाद कई पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों में सड़क, गिट्टी, मोरम और कट्टल से संबंधित कामों में हुए कथित घोटालों का खुलासा किया था। जांचें तो हुईं, लेकिन कार्रवाई न होने से नाराजगी और बढ़ गई, जो अब धरने में बदल गई है।

धरने पर बैठे कांग्रेस पार्षद संजय गुप्ता ने कहा कि प्रशासन और भाजपा नेतृत्व अपनी बात पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने बताया कि पार्षदों ने ठोस कार्रवाई की मांग के साथ इस्तीफे दिए थे, परंतु उन्हें स्वीकार नहीं किया गया। भाजपा पार्षदों ने भी अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को साक्ष्यों सहित शिकायत दी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

मजबूर होकर अब सभी पार्षद धरने पर बैठे हैं और यह आंदोलन कार्रवाई होने तक जारी रहेगा।

वहीं भाजपा पार्षद विजय शर्मा ने जानकारी दी कि अब पार्षदों ने न्यायालय की शरण ले ली है।

फर्जी बिल घोटाले में पहले नपा एई सतीश निगम, सब इंजीनियर जितेंद्र परिहार और शिवम कंस्ट्रक्शन के संचालक अर्पित शर्मा पर एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन जांच में नाम सामने आने के बावजूद ईई मनोहर बागड़ी, नपा सीएमओ और नपा अध्यक्ष के खिलाफ अब तक एफआईआर नहीं हुई। इसी को लेकर दायर की गई पीआईएल स्वीकार हो चुकी है और तारीख लग चुकी है।

उन्होंने यह भी कहा कि जैसे श्योपुर नगर पालिका अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार न्यायालय ने निरस्त किए थे, उसी तरह शिवपुरी में भी पार्षदों ने कलेक्टर को आवेदन देकर वित्तीय अधिकार निलंबित करने की मांग की है।

पार्षदों का कहना है कि जब तक भ्रष्टाचार के आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होती और नपा अध्यक्ष को हटाया नहीं जाता, तब तक उनका धरना नगर पालिका परिसर में अनवरत जारी रहेगा।
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