समाज ने आरोप लगाया है कि पुजारी सहित कोमल शिवहरे, हेमा शिवहरे और नारायणी शिवहरे इन निर्माण कार्यों को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। समझाने पर ये लोग गाली-गलौज और झगड़ा करने लगते हैं। इसके अतिरिक्त, मंदिर के ताले भी समय पर नहीं खोले जाते, जिससे पूजा-अर्चना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा होती है।
रजक समाज के जिला अध्यक्ष अशोक रजक ने बताया कि यह मंदिर उनके पूर्वजों द्वारा पूजा के लिए स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा कि समय के साथ इसमें मनमानी बढ़ती गई। जब इस विवाद को सुलझाने के लिए पंचायत बुलाई गई, तो संबंधित पक्ष ने पंचायत के फैसले को मानने से साफ इनकार कर दिया।
समाज ने यह भी जानकारी दी कि इस संबंध में थाना सतनबाड़ा, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पहले भी कई आवेदन दिए जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। संबंधित लोगों द्वारा पंचायत का फैसला न मानने और लगातार दबंगई करने से समाज में गहरा रोष व्याप्त है।
रजक समाज ने मांग की है कि संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी पाबंद करने की मांग की कि वे निर्माण कार्य में बाधा न डालें और समाज तथा श्रद्धालुओं की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।