जिला पंचायत सदस्य ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि उनके द्वारा लगातार की जा रही मॉनिटरिंग एवं कई बार लिखित पत्र देने के बावजूद अब तक जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
जिसके चलते सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ क्षेत्र की जनता तक नहीं पहुंच पा रहा। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि हर योजना का फायदा अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से योजनाओं में भ्रष्टाचार हो रहा है और लाभार्थी वंचित हैं। मनीराम लोधी ने आरोप लगाया कि क्षेत्र की समस्याओं को उजागर करने और मॉनिटरिंग करने के कारण उन पर एवं उनके दो साथियों पर षडयंत्र के तहत एक शिक्षक द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है।
उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच कर एफआईआर निरस्त कराने और संबंधित शिक्षक पर कार्यवाही की मांग की।
ज्ञापन में रखी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं—
पिछोर–खनियाधाना ब्लॉक में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलिया एवं रपटों को कार्ययोजना में शामिल किया जाए। क्षेत्र की बंद पड़ी गौशालाओं को शीघ्र चालू कराया जाए।वर्ष 2022–23 में आंगनवाड़ी मरम्मत में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जाए।जिला पंचायत सदस्य एवं साथियों पर दर्ज एफआईआर की जांच कर निरस्त किया जाए तथा संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई हो।
नीलगाय जैसी वन्य प्रजातियों को राजस्व भूमि से हटाकर वन अभ्यारण्य में छोड़ा जाए।ई-टोकन व्यवस्था के बावजूद किसानों को यूरिया के लिए हो रही परेशानी दूर कर सुचारु वितरण सुनिश्चित किया जाए। जिला पंचायत सदस्यों को अपने क्षेत्र में निरीक्षण करने हेतु अनुमति दी जाए।
किसानों को समय पर बिजली उपलब्ध कराई जाए।अंत में जिला पंचायत सदस्य ने अधिकारियों से कहा कि उपरोक्त मांगें अन्नदाता किसानों से जुड़ी हैं, इसलिए उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही की जाए।